काफ़िर को भीख देना कैसा ?
अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
क्या फरमातें है उलमाए एकराम व मुफ्तियान ए एजा़म मसअला के बारे में कि अगर कोई काफ़िर भीख मांगे अल्लाह और उसके रसूल के नाम से तो क्या उसको देना जाइज़ है या नहीं बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी आपकी फक्त वस्सालाम
साइल> मोहम्मद शरीफ़ नक्शबन्दी उत्तर प्रदेश
व अलैकुम अस्सालाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब
काफ़िर को भीख देना नाजायज़ है
जैसा कि हुजूर शदरूसशरीया मुफ्ती अमजद अली आजमी अलैहि रहमा तहरीर फ़रमाते है कि ज़म्मी काफ़िर को न ज़कात दे सकते न कोई सदक़ा वजिबा जैसे नजरों कुफ्फारा व सदक़ा ए फित्र और हरबी काफ़िर को किसी किस्म का सदक़ा देना जाइज़ नही है न वाजिबाना नफ्ल अगरचे दारुस्सलाम मे बादशाह इस्लाम से अमन लेकर आया हो हिन्दुस्तान अगरचे दारुस्सलाम है मगर यहां के कुफ्फार ज़िम्मी नही है उन्हें सदक़ात नफ्ल मसलन हदिया वगैरह भी देना ना जाइज़ है
(बहवाला बहार ए शरीअत हिस्सा 05/सफा नः 913 ज़कात के मुसारिफ जिल्द नः 01)
और अश्शाह इमाम अहमद रजा़ खान फाजले बरैलवी अलैहि रहमा तहरीर फ़रमाते कि बहर उल राइक़ वगैरह मे है कि काफ़िर हरबी पर कुछ तस्सदुक़ (सदका) करना असलन (बिल्कुल) जाइज़ नही
(बहवाला अल मलफुज़ात कामिल सफा नः 164)
वल्लाहो आलमु बिस्सवाब
कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश