छुट्टी के दिनों की तनख्वाह लेना कैसा ?



छुट्टी के दिनों की तनख्वाह लेना कैसा ? 

अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु

क्या फरमातें है उलमाए एकराम व मुफ्तियान ए एजा़म मसअला के बारे में कि प्राइवेट स्कूलों मे दस माह पढ़ाई होती है और फीस पूरे साल का लेता है क्या एैसा करना जाइज़ है और अक्सर स्कूल मुस्लिम हज़रात चलाते है बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी आपकी फक्त वस्सालाम

साइल> मोहम्मद ऱाक़िब अली रज़वी

व अलैकुम अस्सालाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु

अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब

जो तातीलात मुसलमानों मे आम तौर पर माहूद व राइज है मसलन जुमा ईदैन माहे रमजानुउल मुबारक वगैरह मुदर्रिस उनकी उजरत लेने का मुस्तहक है 
जैसा कि अश्शाह इमाम अहमद रजा़ खान फाजले बरैलवी अलैहि रहमा फतावा रिज़विया शरीफ तहरीर फरमाते है कि

فإن المعهود عرفاً كالمشروط مطلقاً 

तातीलात माहूदा मे मिस्ल तातील माहें मुबारक रमजान व इदैन वगैरह की तनख्वाह बेशक मुदर्रिसीन को दी जाएगी उर्फ मे मालूम मुताइयन चीज़ मुतलकन मशरुत की तरह है 
(बहवाला फतावा रिज़विया शरीफ जिल्द 19 सफा नः 65)

दर्रे अल मुख्तार मे है कि

حيث كانت البطالة معروفةً في يوم الثلاثاء والجمعة وفي رمضان والعيدين يحل الأخذ

(बहवाला दुर्रे अल मुख्तार जिल्द 06/ सफा नः 570)

और एैसा ही बहार ए शरीअत हिस्सा 10 सफा नः 549)

वल्लाहो आलमु बिस्सवाब

कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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