अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
क्या फरमातें है उलमाए एकराम व मुफ्तियान ए एजा़म मसअला के बारे में कि रात में पानी का बर्तन ढ़क कर रखने का हुक्म है तो क्या जो खाने वाली चीजें खुले आसमान के नीचे सुखाते है उन्हें खुला छोड़ सकते हैं उसका क्या हुक्म है बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी आपकी फक्त वस्सालाम
साइल> मोहम्मद रिजवान खां एम पी
व अलैकुम अस्सालाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब
जो चीजें बाहर सुखाने को रख्खी गई हो उन्हें समेट कर घर ले आया जाए ये मुमकिन न हो तो बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर उसे किसी चीज जैसे कपड़े से ढ़क दिया जाए
मुस्लिम शरीफ मे है कि
جابر بن عبد الله يقول قال رسول الله ﷺ إذا كان جنح الليل أو أمسيتم فكفوا صبيانكم فإن الشيطان ينتشر حينئذ، فإذا ذهب ساعة من الليل فخلوهم وأغلقوا الأبواب واذكروا اسم الله فإن الشيطان لا يفتح بابا مغلقا وأوكوا قربكم واذكروا اسم الله وخمروا آنيتكم واذكروا اسم الله ولو أن تعرضوا عليها شيئاوأطفئوا مصابيحكم (صحیح مسلم ٩٧ (٢٠١٢))
तर्जुमाः रवायत है कि हज़रत जाबिर रजी अल्लाहो अन्हो से फरमाते है कि रसूल-अल्लाह सल्लाहो अलैहि वस्ल्लम ने फरमाया जब रात का शुरू हिस्सा शुरू हो जाए या तुम शाम पाओ तो अपने बच्चों को रोक लो क्योंकि उस वक्त शैतान फैलते है फिर जब रात की एक घड़ी गुजर जाए तो बच्चों को छोड़ दो और दरवाजे को बंद कर दो और अल्लाह का नाम लो क्योंकि शैतान बंद दरवाजे को नही खोलता और अपने मशकीज़ो को ढ़क कर रख दो अल्लाह का नाम लो और अपने बर्तनों को ढ़क दो और अल्लाह का नाम लो अगर चें उस पर कोई चीज़ खड़ी कर दो और अपने चिराग़ को बुझा दो
वल्लाहो आलमु बिस्सवाब
कत्बा नदीम इब्न अलीम अलमसबूर ऐैनी मुम्बई महाराष्ट्र
हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद शफीक़ रजा़