अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
क्या फरमातें है उलमाए एकराम व मुफ्तियान ए एजा़म मसअला के बारे में कि हमारे नबी करीम सल्लाहो अलैहि वस्ल्लम को गुस्ल देने वाले सहाबी का नाम क्या है जो हजरत अली के साथ थे बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी आपकी फक्त वस्सालाम
साइल> अब्दुल रशीद अशरफी दिनाजपुर मिम्बर आफ गुरुप या रसूल-अल्लाह
व अलैकुम अस्सालाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब
हज़रत शैख मुहद्दिस देहलवी रहमातुल्ला अलैहि ने आप नबी करीम सल्लाहो अलैहि वस्ल्लम को गुस्ल देने वाले सहाबा की तादाद पांच शुमार की है (01) हज़रत अली रजी अल्लाहो अन्हो (02) हज़रत अब्बास रजी अल्लाहो अन्हो (03) हज़रत उसामा रजी अल्लाहो अन्हो (04) हज़रत शक़रान रजी अल्लाहो अन्हो (05) हज़रत कुसुम रजी अल्लाहो अन्हो या हज़रत अबू सुफयान बिन हारिस रजी अल्लाहो अन्हो इन हज़रात सहाबा ने नबी करीम सल्लाहो अलैहि वस्ल्लम को गुस्ल मुबारक दिया कैफ़ियत गुस्ल शरीफ एक रवायत के मुताबिक इस तरह है कि हज़रत अब्बास रजी अल्लाहो अन्हो ने हुजूर अकरम सल्लाहो अलैहि वस्ल्लम को अपने सीने पर लिया और हाथों मे दस्तानें पहन कर हाथों को पैराहन मुबारक के अन्दर दाखिल किया हज़रत उसामा रजी अल्लाहो अन्हो कमीज़ के ऊपर से पानी डालते थे और हज़रत अब्बास रजी अल्लाहो अन्हो और हज़रत कुसुम रजी अल्लाहो अन्हो एक पहलु से दूसरे पहलु पर ले जाने पर हज़रत अली रजी अल्लाहो अन्हो की इनायत व इमदाद करते थे और उन हज़रात के आखों पर पट्टी बंधी थी उन हज़रात का कहना है कि गुस्ल मुबारक कराने मे गैब से भी मदद हुई थी
(मदार अल-नबाव्वा मुतर्जम जिल्द 02 सफा नः 509 मतबुआ अदबी दुनिया मिटा महल देहली)
वल्लाहो आलमु बिस्सवाब
कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश