क्या अकेला शख्स तकबीर कहेगा ?



क्या अकेला शख्स तकबीर कहेगा ? 

अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु

क्या फरमातें है उलमाए एकराम व मुफ्तियान ए एजा़म मसअला के बारे में कि अगर अकेले इमाम साहब फर्ज नमाज़ पढ़ रहे हो तो तकबीर पढ़ना जरुरी है कि नही जब कि मालूम हो कि मुझे नमाज़ पढ़ने के दरमियान कोई दुसरा शख्स भी आ सकता है तो अगर तकबीर न कही और दुसरा शख्स आकर नमाज़ मे शामिल हो गया तो नमाज़ का क्या हुक्म है बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी आपकी फक्त वस्सालाम

साइल> मोहम्मद क़मरूद्दीन क़ादरी बमुक़ाम गीनापुर जिला बहराइच शरीफ यू पी

व अलैकुम अस्सालाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु

अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब

मस्जिद मोहल्ला मे नमाज़ अदा हो जाने के बाद अगर अकेला नमाज़ पढ़ता है तो उसे अज़ान व अक़ामत कहना मकरूह है और अगर अभी जमाअत नही हुई है और जमाअत के लिए मुक़तदी भी नही है फिर कोई अकेला नमाज़ पढ़ने लगा तो उसे चाहिए कि अक़ामत भी कहे और अगर अक़ामत नही कहा बगैर अक़ामत के नमाज़ अदा की तो नमाज़ हो जाएगी मगर मकरुहे तंजिही होगी कि अक़ामत का कहना सुन्नत है और सुन्नत का तर्क मकरूहे तंजिही है 
(बहवाला कुत्ब फिक़ा) 

वल्लाहो आलमु बिस्सवाब

कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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