अस्सालामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
क्या फरमातें है उलमाए एकराम व मुफ्तियान ए एजा़म मसअला के बारे में कि दौराने वुजू सलाम का जवाब देना कैसा देना चाहिए या नहीं बहवाला जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी आपकी फक्त वस्सालाम
साइल> शम्स तबरेज़ हैदराबाद
व अलैकुम अस्सालाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब
जी बिल्कुल दे सकते हैं और देना भी चाहिए और हर वह बात जिसका तल्लुक़ शरह से है दौराने वुजू कर सकते है अल्बता बगैर किसी हाजत के दुनियावी गुफ्तगू मुनासिब नही उससे वुजू के सवाब मे कमी होती है
जैसा कि नुरुलइज़ा वुजू अलमिस्बाह मे है
(یکرہ للمتوضی) التکلم بکلام الناس / ھذا إذالم یکن لحاجة فإن دعت إلیہ حاجة یخاف فوتھا بترکہ لمبے یکن فی الکلام ترک الأدب
(हवाला सफा नः 31 मज्लिसे बरकात)
वल्लाहो आलमु बिस्सवाब
कत्बा क़ारी उबैद उल्ला हन्फी़ बरैलवी खादिमे तदरीस मदरसा दारे अरक़म मीरगंज बरैली शरीफ अल हिन्द
ट्रांसलेट मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी