वुज़ू में मेहदी और सुरमे का मसअला
औरत के हाथ पाउ पर मेहदी का जिर्म लगा रह गया और खबर न हुई तो वुज़ू व गुस्ल हो जाएगा। हा जब इत्तिलाअ हो छुड़ा कर वहा पानी बहा दे
सुरमा आँख के कोने या पलक में रह गया और इत्तिलाअ न हुई ज़ाहिरन हरज नहीं और बादे नमाज़ कोने में महसूस हुवा तो नमाज़ हो गई
📙फतावा राज़वीय्या मुखर्रजा ज़िल्द 04 सफा नः 613
हवाला 📚 नमाज़ के अहकाम सफा नः 23
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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