सवाल नमाज़ी अगर अपने इमाम के सिवा दूसरे को लुक़्मा तिलावत की नियत से दे बताने की नियत से न दे तो क्या हुक्म है?
जवाब मुसल्ली (नमाज़ी) जब अपने इमाम के सिवा किसी और को लुक्मा दे मगर ब निय्यते तिलावत(तिलावत की नियत से) दे न कि उस को बताने की गरज़ से तो उस की नमाज़ फ़ासिद न होगी चुनान्चे फ़तावा आलमगीरी में है
तरजमा अगर अपने इमाम के इलावा किसी को लुक्मा दिया तो उस की नमाज़ फ़ासिद हो जाएगी लेकिन जब उस के सिखाने के बजाए तिलावत की निय्यत की हो तो नमाज़ फ़ासिद न होगी इसी तरह मुहीत में है
(फतावा हिंदिया जि.1 स.99) 📚 नमाज़ में लुक़्मा देने के मसाइल स. 21
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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