दूसरे के नापाक कपड़े की निशान देही कब वाजिब है


दूसरे के नापाक कपड़े की निशान देही कब वाजिब है

किसी दूसरे मुसल्मान के कपड़े में नजासत लगी देखी और गालिब गुमान है कि इस को खबर करेगा तो पाक कर लेगा तो ख़बर करना वाजिब है। (ऐसी सूरत में खबर नहीं देगा तो गुनहगार होगा) 

(बहारे शरीअत, हिस्सा : 2, स. 127) 

इस्लामी बहन ने अगर ना महरम मसलन भाभी ने देवर के कपड़े में नजासत देखी तो बताना ज़रूरी नहीं

 रूई पाक करने का तरीका

रूई का अगर इतना हिस्सा नजिस (नापाक) है जिस क़दर धुनने से उड़ जाने का गुमाने सहीह हो तो धुनने से (रूई) पाक हो जाएगी वरना बिगैर धोए पाक न होगी, हां अगर मा'लूम न हो कि कितनी नजिस ? (नापाक) है तो भी धुनने से पाक हो जाएगी

(बहारे शरीअत, हिस्सा : 2, स. 125, मक-त-बतुल मदीना)

📚कपड़े पाक करने का तरीका सफ़ा. 34

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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