कारपेट (CARPET) का नापाक हिस्सा एक बार धो कर लटका दीजिये यहां तक कि पानी टपकना मौकूफ़ हो जाए फिर दोबारा धो कर लटकाइये हत्ता कि पानी टपकना बन्द हो जाए फिर तीसरी बार इसी तरह धो कर लटका दीजिये जब पानी टपकना बन्द हो जाएगा तो कारपेट पाक हो जाएगा। चटाई चमड़े के चप्पल और मिट्टी के बरतन वगैरा जिन चीजों में पतली नजासत जज्ब हो जाती हो इसी तरीके पर पाक कीजिये । ऐसा नाजुक कपड़ा कि निचोड़ने से फट जाने का अन्देशा हो वोह भी इसी तरह पाक कीजिये
अगर नापाक कारपेट या कपड़ा वगैरा बहते पानी में (मसलन दरिया नहर में या पाइप या टूटी के जारी पानी के नीचे) इतनी देर तक रख छोड़ें कि ज़न्ने गालिब हो जाए कि पानी नजासत को बहा कर ले गया होगा तब भी पाक हो जाएगा कारपेट पर बच्चा पेशाब कर दे तो उस जगह पर पानी के छींटे मार देने से वोह पाक नहीं होता । याद रहे एक दिन के बच्चे या बच्ची का पेशाब भी नापाक होता है
📚कपड़े पाक करने का तरीका सफ़ा. 30 31
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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