बहते नल के नीचे धोने में निचोड़ना शर्त(ज़रूरी) नहीं
फ़तावा अम्जदिया जिल्द 1 सफ़हा 35 में है कि येह (या'नी तीन मर्तबा धोने और निचोड़ने का) हुक्म उस वक्त है जब थोड़े पानी में धोया हो और अगर हौजे कबीर (या'नी दह दर दह या इस से बड़े हौज़ नहर नदी समुन्दर वगैरा) में धोया हो या (नल पाइप या लोटे वगैरा के ज़रीए) बहुत सा पानी उस पर बहाया या (दरिया वगैरा) बहते पानी में धोया तो निचोड़ने की शर्त(ज़रूरत) नहीं
बहते पानी में पाक करने में निचोड़ना शर्त(ज़रूरी) नहीं
फु-कहाए किराम फ़रमाते हैं दरी या टाट या कोई नापाक कपड़ा बहते पानी में रात भर पड़ा रहने दें पाक हो जाएगा और अस्ल येह है कि जितनी देर में येह ज़न्ने गालिब हो जाए कि पानी नजासत को बहा ले गया पाक हो गया कि बहते पानी से पाक करने में निचोड़ना शर्त(ज़रूरी) नहीं
(बहारे शरीअत, हिस्सा : 2, स. 121)📚कपड़े पाक करने का तरीका सफ़ा. 26, 27
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
एक टिप्पणी भेजें