हराम जानवर का गोश्त और चमड़ा कैसे पाक हो


🔶हराम जानवर का गोश्त और चमड़ा कैसे पाक हो❓🔶

सुवर के सिवा हर जानवर हलाल हो या हराम जब कि ज़ब्ह के काबिल हो, और बिस्मिल्लाह कह कर ज़ब्ह किया गया तो उस का गोश्त और खाल पाक है, कि नमाज़ी के पास अगर वोह गोश्त है या उस की खाल पर नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ हो जाएगी मगर हराम जानवर (का गोश्त वगैरा खाना वगैरा) ज़बह से हलाल न होगा हराम ही रहेगा। (बहारे शरीअत, हिस्सा : 2, स. 124)

 🔶बकरे की खाल पर बैठने से आजिज़ी पैदा होती है🔶

दरिन्दे की खाल अगरचे पका (या'नी सुखा) ली गई हो न उस पर बैठना चाहिये न नमाज़ पढ़नी चाहिये कि मिज़ाज में सख्ती और तकब्बुर पैदा होता है, बकरी (बकरा) और मेंढे की खाल पर बैठने और पहनने से मिज़ाज में नर्मी और इन्किसार (आजिज़ी) पैदा होता है, कुत्ते की खाल अगचे पका (या'नी सुखा) ली गई हो या वोह ज़ब्ह कर लिया गया हो इस्ति'माल में न लाना चाहिये कि आइम्मा के इख्तिलाफ़ और अवाम की नफरत से बचना मुनासिब है। (ऐज़न, स. 124, 125)

जो नजासत दिखाई देती है उस को मरइय्या और जो नहीं दिखाई देती उसे गैर मरइय्या कहते हैं।

(ऐज़न, स. 54)

📚कपड़े पाक करने का तरीका सफ़ा. 22

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

Post a Comment

और नया पुराने