सवाल किन सूरतों में ग़ुस्ल करना मुस्तहब है
जवाब वुक़ूफ़े अरफ़ात वुक़ूफ़े मुज़दलफ़ा हाज़री ए हरम हाज़री ए सरकार ए आज़म सल्लललाहू तआला अलैहि वसल्लम तवाफ़ दुख़ूले मिना तीनों जुमरों पर कंकरीयाँ मारने के लिए शबे बराअत शबे क़द्र अर्फ़ा की रात मजलिसे मीलाद शरीफ़ और दीगर मजालिसे ख़ैर की हाज़िरी के लिए मुर्दा नहलाने के बाद मजनून को जुनून जाने के बाद ग़शी से इफ़ाक़ा के बाद नशा जाते रहने के बाद गुनाह से तौबा करने के लिए नया कपड़ा पहनने के लिए सफ़र से वापसी के बाद इस्तेहाज़ा बन्द होने के बाद नमाज़ ए कुसूफ ख़ुसूफ इस्तिसक़ा ख़ौफ तारीकी और सख़्त आंधी के लिए बदन पर नजासत (गन्दगी) लगी हो और ये न मालूम हो के किस जगह है इन सब सूरतों में ग़ुस्ल करना मुस्तहब है
📚बहारे शरीअत
नोट घुटना खोलकर लोगों के सामने नहाना सख़्त गुनाह और हराम है नजिस (नापाक गन्दा) कपड़ा पहन कर ग़ुस्ल न करें और अगर दूसरा कपड़ा पाक कपड़ा न हो तो उसीको पाक करलें
📗अनवारे शरीअत, सफ़ह 23,,24,,25)
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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