सवाल लड़कियों को लिखना सीखना शरअन कैसा है
अल जवाब लड़कियों को लिखना सीखना मना है
जैसा कि हदीसे पाक में है हज़रत आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से रिवायत है के रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फरमाया
لا تسكنو هن الغرف ولا تعلموهن الكتابه واعلمو هن المغزل و سورة النور
यानी औरतों को कोठों पर ना रखो और उन्हें लिखना ना सिखाओ और उन्हें चरखा कातना सिखाओ और सूरह ए नूर पढ़ाओ
📗 बहक़ी📘 फ़तावा फ़ैज़ुर्रसूल जिल्द 2, सफ़ह 567)
हदीसे पाक में है हजरत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत है के
لا تسكنوا نساء كم الغرف ولا تعلموهن الكتابه
यानी-अपनी औरतों को बाला ख़ाना पर ना रखो और उन्हें लिखना ना सिखाओ
📚 तिर्मिज़ी अलमर्जाउस्साबिक़)
नीज़ हदीसे पाक में है हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत है
لا تعلموا نساء كم الكتابه ولا تسكنو هن العالى
यानी-अपनी औरतों को लिखना ना सिखाओ और ना उन्हें कोठों पर ठहराओ
📔 इब्ने अदी व इब्ने हब्बान)
क्योंकि औरतों को लिखना सिखाना गोया के फित्ना का दरवाज़ा खोलना है और फ़ित्ना के बारे में अल्लाह तआला फ़रमाता है
तर्जमा----- फ़ित्ना क़त्ल से भी सख़्त तर है
📚 पारा 2, सूरह बक़र आयत 119)
और आलाहज़रत अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं औरतों लड़कियों को लिखना सिखाना मना है, हज़रत लुक़मान अलाउल अम्बियाउल किराम व अलैहिस्सलातू वस्सलाम ने एक लड़की मकतब में ऐसी तालीम होते हुए देखी फरमाया
لمن يصقل هذا السيف
यह तलवार किसके लिए सीक़ल की जा रही है यह उन्होंने अपने ज़माना की निस्बत फरमाया अब तो जैसे फ़ित्ना का ज़माना ज़ाहिर
📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 129-निस्फ़ आख़िर)
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह.121_122)
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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