सवाल वह दो आवाज़ें कौनसी हैं, जो दुनिया व आख़िरत दोनों में मलऊन हैं, और वह कौन-सी चीज़ें हैं, जिनके करने और सुनने दोनों से मना फ़रमाया है
अल जवाब नग़मा के वक़्त बाजे की आवाज़, और मुसीबत के वक़्त रोने की आवाज़ दुनिया और आख़िरत दोनों में मलऊन हैं
जैसा कि हदीसे पाक में है
हज़रत बज़ाज़ ने अनस रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत की के
रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया
दो आवाज़ें दुनिया और आख़िरत में मलऊन हैं, नग़मा के वक़्त बाजे की आवाज़ और मुसीबत के वक़्त रोने की आवाज़
📚 बा हवाला बहारे शरिअत हिस्सा 16, सफ़ह 129)
हदीसे पाक में है
(इमाम) तिबरानी ने हज़रत इब्ने उमर रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत की, के रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने गाने से और गाना सुनने से, और ग़ीबत से, और ग़ीबत सुनने से, और चुग़ली करने और चुग़ली सुनने से मना फ़रमाया
📚 अल मर्जउस्साबिक़)📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 147-148)
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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