आलाहज़रत अज़ीमुल बरकत रज़िअल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि हाफिज़ 10 लोगों की शफाअत करायेगा और शहीद 50 लोगों की हाजी 70 लोगों की और उल्मा बे गिनती लोगों की शफाअत करायेंगे, क़यामत के दिन जिनका जिनका हिसाब होता जायेगा जन्नत को भेजे जाते रहेंगे मगर उल्मा का हिसाब कब का हो चुका होगा मगर उन्हें रोके रखा जायेगा तब वो अर्ज़ करेंगे कि ऐ मौला हम क्यों रोके गए हैं तो मौला फरमायेगा कि आज तुम लोग मेरे नज़दीक फरिश्तो की मानिंद हो लिहाज़ा शफाअत करो कि तुम्हारी शफाअत से लोग बख्शे जायेंगे, फिर तो हाल ये होगा कि ज़रा ज़रा से ताल्लुक़ पर वो लोगों को जहन्नम की सफों से निकाल लायेंगे हत्ता कि अगर किसी ने उन्हें कभी वुज़ू के लिए पानी भी दिया होगा तब भी वो उनकी शफाअत करायेंगे
📚 अलमलफूज़, हिस्सा 01 सफह 33
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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