•••➲ ये भी एक अलमिया है कि एक अप्रैल को कुछ मुसलमान भी काफिरों की तरह झूट बोलकर या धोखा देकर अपने भाइयों को बेवकूफ बनातें हैं और उस पे फख्र करतें हैं कि मैंने फलां को बेवकूफ बनाया हालांकि झूट बोलना और धोखा देना दोनों ही हराम काम है,जैसा कि हदीसे पाक में मज़कूर है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि
•••➲ जिस के अन्दर ये बातें पायीं जाएँ यानि जब बात करे तो झूट बोले वादा करे तो पूरा ना करे और अमानत रखी जाए तो उसमे खयानत करे तो वो खालिस मुनाफिक़ है अगर चे वो नमाज़ पढ़े रोज़ा रखे और मुसलमान होने का दावा करे!
الله اکبر
मुस्लिम जिल्द 1 सफह 56
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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