सवाल एक सवाल है के अगर किसी का इंतिक़ाल हो जाए तो मय्यत के पास क़ुरआन शरीफ पढ़ने में कोई हरज तो नहीं रहनुमाई फरमायें
जवाब जाइज़ है जबके मय्यत का तमाम बदन कपड़े से छुपा हो- हुज़ूर सदरुश्शरिअह बहारे शरीयत में तह़रीर फरमाते हैं के मय्यत के पास तिलावते क़ुरआन मजीद जाइज़ है जबके तमाम बदन कपड़े से छुपा हो और तस्बीह़ दीगर ज़िक्रो अज़कार पढ़ने में कोई ह़रज नहीं
📚बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 4 सफह 809 📚रद्दुल मह़तार जिल्द 3 सफह 98/100
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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