सवाल एक सवाल ये है के अज़ान के एक कलिमे का जवाब देने पर कितना सवाब मिलता है यूंही मुकम्मल अज़ान का जवाब देने पर कितना सवाब मिलता है
जवाब ह़दीस शरीफ़-- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया ऐ गिरोह ज़नान (औरतों ) जब तुम बिलाल को अज़ान व इक़ामत कहते सुनों तो जिस तरह़ वोह कहता तुम भी कहो अल्लाह तआला तुम्हारे लिए हर कलिमा के बदले एक लाख नेकी लिखेगा और हज़ार दरजे बुलंद फरमायेगा और हज़ार गुनाह माफ करेगा औरतों ने अरज़ की ये औरतों के लिए है मर्दों के लिए क्या है फरमाया मर्दों के लिए दूना यानि डबल है
ह़दीस शरीफ़-- तिबरानी की रिवायत मैमूना रज़ियल्लाहु तआला अन्हा से है के औरतों के लिए हर कलिमा के मुक़ाबिल दस लाख दरजे किए जायेंगे फारुक़े आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अरज़ की ये औरतों के लिए मर्दों के लिए क्या है फरमाया मर्दों के लिए दूना यानि डबल
📚बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 3 सफह 462,
📚कंज़ुल उम्माल जिल्द 7 सफह 287 ह़दीस नं. 21005
इन अह़ादीस से साबित होता है के अज़ान के जवाब में एक कलिमा पर जब इतना सवाब है तो पूरी अज़ान व इक़ामत का जवाब देने पर कितना सवाब होगा
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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