सवाल क्या औरत मर्द निकाह करने के इरादे से एक दूसरे को देख सकते हैं
अल जवाब निकाह करने के इरादे से औरत का मर्द को और मर्द का औरत को देखना जाइज़ है
जैसा कि हदीसे पाक में है
हज़रत अनस बिन मालिक रज़िअल्लाहू तआला अन्ह रिवायत करते हैं कि हज़रत मुग़ीरह बिन शअ्बा रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने एक औरत से निकाह करने का इरादा किया तो नबी ए पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने उनसे फ़रमाया जाओ उसे देखलो क्योंकि इससे शायद अल्लाह तआला तुम्हारे दिलों में मुहब्बत पैदा करदे उन्होंने ऐसा ही किया, फिर उससे निकाह कर लिया, बाद में उन्होंने हुज़ूर से अपनी बीवी की मुवाफ़िक़त व मुहब्बत और उम्दा ताल्लुक का ज़िक्र किया
📗 इब्ने माजा, सफ़ह 134)
और तिरमिज़ी शरीफ़ की हदीसे पाक इस तरह है कि जिससे निकाह करना चाहते हो उसको देखलो कि यह बक़ा ए मुहब्बत का ज़रिया होगा
📚 तिरमिज़ी शरीफ़ किताबुन्निकाह, जिल्द 02, सफ़ह 346)
और औरत उस मर्द को जिसने पैग़ामे निकाह भेजा है देख सकती है अगरचे शहवत का अंदेशा हो
रद्दुल मोहतार में है
अरबी इबारत असल किताब में देखें 📚 रद्दुल मोहतार जिल्द 9, सफ़ह 532)
और बहारे शरिअत में है इसी तरह औरत उस मर्द को जिसने उसके पास पैग़ाम भेजा है देख सकती है, अगरचे अंदेशा ए शहवत हो, मगर देखने में दोनों की यही नियत हो कि हदीस पर अमल करना चाहते हैं
📚 बहारे शरिअत जिल्द 3, सफ़ह 447)
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