सवाल आजकल जलसों दीनी मेह़फिलों में नात ख़्वां शायरों पर पैसा लुटाने का रिवाज है ये पैसा लुटाना कैसा है?
जवाब जलसों दीनी मह़फिलों वगैरह में नात ख्वानों और शायरों पर पैसा या नोटों को लुटाना या फेंकना जाइज़ नहीं बल्के उनके हाथ या गोद में रख़ दें जैसा कि इमामे अहले सुन्नत सय्यदी सरकार आलाह़ज़रत इमाम अह़मद रज़ा खान बरेलवी अलैहिर्रहमा तह़रीर फरमाते है कि पैसे फेंकना या हवा में उड़ाना मना है क्योंके पैसा रिज़्क़ है और रिज़्क़ की बे ह़ुरमती जाइज़ नहीं है इससे साबित हुआ के नात ख्वानों या शायरों या आलिमे दीन के सर या गोद में पैसे डालना जिसमें बे अदबी का पहलू न हो तो जाइज़ है
📚फतावा रज़वियह शरीफ़ जिल्द 24 सफ्ह नः 520
अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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