सवाल क्या तहज्जुद की नमाज़ बगैर सोये पढ़ सकते हैं जवाब इनायत करें
जवाब तहज्जुद के लिए रात में सोना शर्त़ है सो कर उठने के बाद इंसान जो नमाज़ पढ़ता है उसे ही तहज्जुद कहते हैं इसी तरह फ़क़ीहे आज़म हुज़ूर सदरुश्शरिअह मुफ्ती अमजद अली साहब आज़मी अलैहिर्रह़मा तह़रीर फरमाते हैं के सलातुल लैल की एक क़िस्म तहज्जुद है इशा के बाद रात में सो कर उठें और नवाफ़िल पढ़ें सोने से पहले जो कुछ पढ़ें वह तहज्जुद नहीं
📚बहारे शरीयत जिल्द 01 सफ्ह नः {677}
अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
एक टिप्पणी भेजें