सवाल औरतों को मिस्सी (यानी जो एक क़िस्म का मंजन है जिसे सिंगार के लिए इस्तेमाल करते हैं) लगाना कैसा है
अल जवाब औरतों को मिस्सी लगाना मुतलक़न जाइज़ बल्कि मुस्तहब है, ख़्वाह वह किसी रंग की हो, ज़ीनत के लिए हो या दांतों के इलाज के लिए, हां मगर रोज़ा की हालत में लगाना मकरूहे तहरीमी है
जैसा कि दुर्रे मुख़्तार में है
अरबी इबारत असल किताब में मुलाहिज़ा हो
📚 दुर्रे मुख़्तार जिल्द 3, सफ़ह 390)
और आलाहज़रत अलैहिर्रहमतू वर्रिज़वान फ़रमाते हैं
मिस्सी किसी रंग की हो औरतों को इलाजे दन्दां या शौहर के वास्ते आराइश के लिए मुतलक़न जाइज़ बल्के मुस्तहब है, सिर्फ़ हालते रोज़ा में लगाना मना है
📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 177)
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 55--- 56)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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