सवाल औरतों को इस क़दर तेज़ ख़ुशबू लगाना कैसा है जिसकी महक दूसरों तक पहुंचे
अल जवाब औरतों को इस क़दर तेज़ ख़ुशबू इस्तेमाल करना जिसकी महक दूसरों तक पहुंचे और लोगों की निगाहें उठें और तबिअत का मिलान हो हराम व नाजाइज़ है, हां औरतें बतौरे ज़ीनत हल्की खुशबू इस्तेमाल करें कि उसका असर दूसरों तक ना पहुंचे तो शरअन कोई हर्ज नहीं, इसलिए कि औरतों की खुशबू वह है जिसमें रंग हो बू न हो, जैसा के हदीसे पाक में है
नबी ए पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम इरशाद फ़रमाते हैं
मर्दों की खुशबू वह है जिसमें बू हो रंग ना हो, और औरतों की खुशबू वह है जिसमें रंग हो बू ना हो
📗 अबू दाऊद जिल्द 4 सफ़ह 83)
और हुज़ूर सदरुश्शरिअह बदरुत्तरीक़ह अल्लामा अमजद अली अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं
मर्दों में ख़ुशबू मक़सूद होती है, उसका रंग नुमाया ना होना चाहिए, कि बदन या कपड़े रंगीन हो जाएं और औरतें हल्की ख़ुशबू इस्तेमाल करें कि यहां ज़ीनत मक़सूद होती है, और यह रंगीन ख़ुशबू मसलन ख़ुलूक़ से हासिल होती है तेज़ ख़ुशबू से ख़्वाह मख़्वाह लोगों की निगाहें उठेंगी
📚 बहारे शरीअत जिल्द 3 सफा 408
और फ़तावा अमजदियह में है
ख़ुशबू लगाएं तो ऐसी ना हो कि उसकी महक दूसरों को पहुंचे
📚 फ़तावा अमजदियह जिल्द 4 सफ़ह 55)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
एक टिप्पणी भेजें