सवाल
शोहदाए करबला रदियल्लाहु अन्हुम की याद में मातम करना और नौहा पढ़ना कैसा है ?
जवाब
आला हजरत रदियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं मातम करना छाती पीटना हराम है नीज़ (और) मातम व नौहा मुहर्रम हो या गैरे मुहर्रम मुतलक़न हराम है।
📙 (फतावा रज़विया शरीफ जिल्द 23 सफा 407)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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