मय्यत के सर मै कंघी करना कैसा ?

 

मय्यत के सर मै कंघी करना ?

बाअज़ जगह मय्यत को गुस्ल देने के बाद तजहीज़ ओ तकफ़ीन के वक्त उसके बालों में कंघी करने लगते हैं यह ममनूअ (मना) है। हदीस मै है कि "उम्मुल मुअमिनीन हज़रत आयशा सिद्दीका रजी अल्लाह ताला अन्हा" से मय्यत के सर में कंघी करने से मुताल्लिक़ सवाल किया गया तो आप ने मना फरमाया और फरमाया के क्यों अपनी मय्यत को तकलीफ़ पहुंचाते हो

📖 (फ़तावा रिज़विया, जिल्द 4, सफ़्हा 33, बा'हवाला किताबुल आसार लि इमामे मुहम्मद, सफ़्हा 46)

📚 (ग़लत फहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 61)


✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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