जो मस्जिद कर्ज़दार हो उसमे नमाज़ पढ़ना कैसा

 


सवाल

हमारे यहाँ एक मस्जिद है जो अब क़र्ज़दार हो गई है, तो अब उस मस्जिद में नमाज़ पढ़ना कैसा

जवाब

शहज़ाद ए आला ह़ज़रत हुज़ूर मुफ़्ती ए आज़म हिन्द मौलाना अश्शाह मुहम्मद मुस्तफा रज़ा खान क़ादरी रज़िअल्लाहु तआला अन्हुमा, बरेलवी तह़रीर फरमाते हैं के जो मस्जिद हो चुकी ता क़यामत वो मस्जिद ही रहेगी

📗 फतावा मुस्तफ्वियह सफह 268

लिहाज़ा जो मस्जिद किसी वजह से क़र्ज़दार हो जाये उस में नमाज़ पढ़ना जाइज़ है बल्के ज़रुरी है ताके वीरान ना हो आला ह़ज़रत मुजद्दिदे आज़म इमाम अहमद रज़ा खान क़ादरी बरेलवी क़ुद्दिसा सिर्रहू तह़रीर फरमाते हैं के'

नमाज़ हर पाक जगह हो सकती है जहाँ कोई मुमानियत शरई ना हो अगरचे किसी का मकान में हो या बेकार ज़मीन

📚 फतावा रज़वियह शरीफ जिल्द 6 सफह 459

📚 फतावा फ़क़ीहे मिल्लत जिल्द 1 सफह 196


✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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