सवाल
औरत को अपने शौहर के लिए बनाव सिंगार करते वक़्त रात को आईना देखना कैसा है
अल जवाब
जाइज़ है, शरअ् में कोई मुमानअत नहीं, बल्कि औरत अगर अपने शौहर के सिंगार के लिए आइना देखे तो बहुत बड़ा सवाब है
जैसा कि आलाहज़रत मुजद्दिदेदीनो मिल्लत अलैहिर्रहमा रक़मतराज़ हैं
रात को आईना देखने की कोई मुमानअत नहीं बअ्ज़ अवाम का ख़याल है कि उससे मुंह पर झाइयां पड़ती हैं और इसका भी कोई सुबूत न शरअन है ना तबअन न तजर्बन, और औरत अपने शौहर के सिंगार के वास्ते आईना देखे तो सवाबे अज़ीम की मुस्तहिक़ है, सवाब की बात बे असल ख़यालात की बिना पर मना नहीं हो सकती
📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9, सफ़ह 119, निस्फ़ आख़िर)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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