सवाल
ज़अफ़रान का रंगा हुआ कपड़ा औरत के लिए जाइज़ है या नाजाइज़
अल जवाब
औरतों को कुसुम या ज़अफ़रान का रंगा हुआ कपड़ा पहनना जाइज़ है, चाहे वह गहरा रंग होकर सुर्ख़ हो जाए या हल्का हो कर ज़र्द रहे, लेकिन मर्द के लिए नाजाइज़ है जैसा के तनवीरुल अबसार में है
अरबी इबारत असल किताब में मुलाहिज़ा हो
और बहारे शरीअत में है
कुसुम या ज़अफ़रान का रंगा हुआ कपड़ा मर्द को मना है, गहरा रंग हो के सुर्ख़ हो जाए या हल्का होकर ज़र्द रहे, दोनों का एक हुक्म है, औरतों को यह दोनों क़िस्म के रंग जाइज़ हैं, इन दोनों रंगों के सिवा बाक़ी हर क़िस्म के रंग, ज़र्द, सुर्ख़, धानी, बसंती, चंपई, नारंगी, वगैरहा मर्दों को भी जाइज़ हैं, अगरचे बेहतर यह है कि सुर्ख़ रंग या शोख़ रंग के कपड़े मर्द ना पहने खुसूसन जिन रंगों में ज़नाना पन हो मर्द उसको बिल्कुल ना पहने
📚 बहारे शरीअत जिल्द 3 सफ़ह 415)
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल, सफ़ह 36/37)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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