मय्यत होने पर इज़हारे ग़म के लिए काले कपड़े पहहना कैसा


 सवाल

बाज़ औरतें मय्यत होने पर इज़हारे ग़म के लिए सियाह (यानी काले) कपड़े पहनती हैं तो क्या हुक्म है,

अल जवाब

किसी के मौत पर इज़हारे ग़म में काला कपड़ा पहनना नजाइज़ है, चाहे मर्द हों या औरत,

📚 फ़तावा आलमगीरी जिल्द 5, सफ़ह 333)

और सियाह बिल्ला लगाना और बाज़ू पर सियाह पट्टी बांधना भी जाइज़ नहीं क्योंकि वह सोग की सूरत है,

और हुज़ूर सदरुश्शरिअह बदरुत्तरीक़ा अल्लामा अमजद अली अलैहिर्रहमा तहरीर फ़रमाते हैं,

जिसके यहां मय्यत हुई उसे इज़हारे ग़म में सियाह कपड़े पहनना नाजाइज़ है, सियाह बिल्ले लगाना भी नाजाइज़ है, के अव्वलन तो वह सोग की सूरत है दोम यह के नसारा (इसाइयों) का तरीक़ा है,

📚 बहारे शरिअत जिल्द 3 सफ़ह 416)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 48)

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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