सजदे मै पैर की उँगलियों का पेट ज़मीन पर न लगना ?
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इस मसअले से काफ़ी लोग ग़ाफ़िल हैं, और पैर की उँगलियों के सिर्फ़ सिरे ज़मीन पर लग जाने को सजदा समझ लेते हैं, और बअज़ का तो सिर्फ़ अंगूठे का सिरा ही ज़मीन पर लगता है, और बाक़ी उँगलियाँ ज़मीन को छूती भी नहीं
इस सूरत मै न सज़दा होता है न नमाज़, सज़दे मै पैर की उँगलियों के सिर्फ़ सिरे ही नहीं बल्कि उँगलियों पर ज़ोर देकर किब्ले की तरफ़ उँगलियों का पेट ज़मीन पर लगाना चाहिए।
📚 (फतावा रज़विया शरीफ़, जिल्द 1, सफ़्हा 556) पर है
सजदे मै कम से कम एक ऊँगली का पेट ज़मीन से लगा होना फ़र्ज़ है, और पाऊं की अक्सर उँगलियों का पेट ज़मीन से लगा (जमा) होना वाजिब है।
📚 (ग़लत फेहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 31)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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