जुमे के ख़ुत्बे मै उर्दू अशआर पढ़ना....?
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जुमे का ख़ुत्बा सिर्फ अरबी ज़ुबान मै पढ़ना सुन्नत है किसी और ज़ुबान में पढ़ना ख़िलाफ़ ए सुन्नत है। उर्दू अशआर अगर पढ़ना हो तो वह आज़ाने ख़ुत्बा से पहले पढ़ लिए जाएं, यानी दूसरी आज़ान के बाद जो ख़ुत्बा पढ़ा जाता है यह अरबी के अलावा और किसी ज़बान मै पढ़ना सुन्नत के ख़िलाफ़ है
📚 (फ़तावा रिज़विया, जिल्द 03 सफ़्हा 751)
📚 (ग़लत फेहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 38,39)
✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)
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