ग्रुप रज़ा कमेटी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
सवाल
ताज़िया दारी की मन्नत मांगना कैसा है शरई रू से मुदल्लल व मुफस्सल जवाब इनायत करें
साईल मोहम्मद शमसुद्दीन
जवाब
ताज़िया की मन्नत मांगना सख्त जहालत है और इस क़िस्म की मन्नते नहीं माननी चाहिए और मानी हो तो पूरी ना करें
जैसा कि फिक़्हे आज़म हिंद हुजूर सदरूश्शरिया रहमतुल्लाहि तआला अलैह तहरीर फरमाते हैं कि ⤵️
अलम और ताज़िया बनाने और पैक बनने और मोहर्रम में बच्चों को फक़ीर बनाने और बधी पहनाने और मरसीया की मजलिस करने और ताज़िया पर नियाज़ दिलवाने वगैरा खुराफात जो राफिज़ और ताज़िया दार लोग करते हैं उनकी मन्नत सख्त जहालत है ऐसी मन्नत ना माननी चाहिए और मानी हो तो ना पूरी करे
📚 (बहारे शरीयत)
📚 (फतावा ए फैज़ूर रसुल जिल्द 2 सफा 298)
✍🏼 अज़ क़लम हज़रत अल्लामा व मौलाना मोहम्मद मुशाहिद रज़ा कादरी रज़वी साहब किबला
✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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