नमाज़ से फारिग होकर मस्जिद में पालती मार कर बैठना कैसा?

 




सवाल


क्या फ़रमाते हैं उल्मा ए किराम और मुफ़्तियाने अज़्ज़ाम इस मसअले में कि नमाज़ से फारिग होकर मस्जिद में पालती मार कर बैठ सकते हैं या नहीं?


जवाब


नमाज़ से फारिग होने के बाद पालती मार कर मस्जिद में बैठने में हर्ज नहीं, लेकिन बेहतर ये है कि दो ज़ानो बैठे हां क़ब्ल नमाज़ पालती मार कर नहीं बैठना चाहिए कि दूसरों के लिए जगह में तंगी हो, चुनांचे हुज़ूर सदरुश्शरीअह अलैहिर्रह़मह फ़रमाते हैं : इस तरह न बैठे कि दूसरों के लिए जगह में तंगी हो।

बह़वाला 📚 बहार-ए-शरीअत हिस्सा 16


والله تعالى اعلم باالــــــصـــــواب


कत्बा मोहम्मद मासूम रजा़ नूरी कर्नाटका अल्हिन्द

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