नापाक कपड़ा धोने के बाद क्या गुस्ल करना फ़र्ज़ है
✿➺ सुवाल
नापाक कपड़ा धोने के बाद क्या गुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाता है? नापाकी किन किन चीज़ो से होती है?
❀➺ जवाब
नापाक कपड़ा धोने के बाद गुस्ल करना फ़र्ज़ नही होता, चाहै धोते वक़्त कपड़े की सारी गंदगी अपने उपर आ जाए तब भी गुस्ल फ़र्ज़ नही होगा, बस उस नजासत को धोना ज़रूरी होगा
☞मैं साइल के इस सुवाल से इतना समझ पा रहा हूँ की वो पूछना चाहता है कब आदमी नापाक हो जाता है, कब गुस्ल फ़र्ज़/वाजिब होता है
●5 चीज़े पाई जाए तो इंसान पर गुस्ल वाजिब होता
☞ 1 मनी का अपनी जगह से शहवत (सेक्स) के साथ निकलने से गुस्ल वाजिब होता है
● मसलन किसी ने गंदे ख़्याल जमा कर अपने ही हाथ से मानी निकाली तो गुस्ल वाजिब है और अगर ये मनी शहवत के साथ झटके के साथ ना निकली बस गंदी चीज़ को देखने से क़तरा या सफेद पानी निकला और उसका निकलना मालूम भी नहीं हुआ तो वो मनी नही यानी उसपे गुस्ल वाजिब नही।```
☞ 2 एहतिलाम सोते मे मनी का निकलने से गुस्ल वाजिब है, इसमे शर्त है की कपड़े पर निशान पाया जाए अगर एहतिलाम होना याद है, या ख्वाब याद है, मगर कपड़े पर मनी का कोई निशान नही तो गुस्ल वाजिब नही
☞ 3 दुखूल कोई मर्द अपने शर्मगाह (पेनिस) को किसी औरत की शर्मगाह (वेजाइना) मे या पीछे दुबार (बूम) मे दाखिल करे या मर्द, मर्द की पीछे दाखिल करे इन सुरतों मे गुस्ल वाजिब दोनो पर है चाहै मनी निकले या नही
☞ 4 हैज़ जब औरत हैज़ से फारिग हो जाए तो गुस्ल वाजिब है
☞ 5 निफास औलाद की विलादत के बाद जो औरत को खून आता है उसे निफास कहते है, उससे फारिग होने के बाद
●मदनी मशवरा यक़ीनन हर आक़िल बालिग़ मुसलमान पर इन बातो का सीखना फ़र्ज़ है, मगर बाज़ लोग शर्म से इन चोज़ो को नही सीखते और ना किसी से पूछते है और ना कभी इन बतो को किसी आलिमे दीन की बारगाह मे जा कर सीखते है, खुदा भला करे साइल का की लोगो के लिए ये सुवाल करके आसानी कर दी अल्लाह ता आला इसे दोनो जहाँ मे भलाइयाँ आता करे
☝🏻और अल्लाह हक़ फरमाने मे नही शरमाता"
📚 पारा: 22, सुरह आहज़ब, आयत: 53
ह़वाला 📗 पर्दादारी, सफा नं.17,18
✒️मौलाना अब्दुल लतीफ नईमी रज़वी क़ादरी बड़ा रहुवा बायसी पूर्णियाँ बिहार
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