ग्रुप रज़ा कमेटी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
सवाल
क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला के बारे में एक सुन्नी सहीहुल अकीदा मुसलमान किसी मंदिर में मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालता है तो क्या मंदिर में काम करके अपने परिवार का पेट पालना कैसा है कुरान व हदीस की रोशनी में मुदल्लल जवाब इनायत फरमाएं बहुत मेहरबानी होगी ❓
साइल मोहम्मद शाहिद आजमी
जवाब
मुसलमान का मंदिर में मजदूरी करना जायज है बशर्ते कि बूत को अपने हाथ से ना बनाएं
📚 फतावा ए हिंदीया मैं है ⤵️
ولو استأجر الذمي مسلمًا لیبني لہ بیعۃ أو کنیسۃً جاز، ویطیب لہ الأجر کذا في المحیط
📚 (الفتاویٰ الہندیۃ / کتاب الإجارۃ ۴؍۴۵۰)۔
✍🏼 अज़ क़लम मोहम्मद अल्तमश अंसारी मिस्बाही
✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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