क्या हज़रत बिलाल रज़ि अल्लाहू अन्हू ने अज़ान नहीं दी तो सुब्ह नहीं हुई

 




सवाल


 मोअज़्ज़ उलमा ए किराम जैसा कि बयान किया जाता है कि हज़रते बिलाल एक मर्तबा जब तक अज़ाने फजर ना दी तो सुब्ह ना हुई यह वाक़िय किस किताब में है और कहां तक सही है नज़रे करम फरमाएं


साईल दिलफराज़ अहमद महबूबी (मुतअल्लिम जामिया मखदूमिया सिराजुल उलूम जाज मऊ कानपुर यूपी)


जवाब


 हज़रते बिलाल रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू के मुतअल्लिक़ एक वाक़िया बयान किया जाता है कि एक मर्तबा कुछ हज़रात ने उनकी अज़ान पर एतराज़ किया वह शीन को सीन कहते हैं 


 हुजूर ﷺ ने उनको माज़ूल कर दिया और किसी दूसरे साहब ने आज़ान दी तो सुब्ह ना हुई जब अज़ान हज़रत बिलाल रज़ि अल्लाहू अन्हू ने दी तब सुबह हुई


 यह वाक़िया बे अस्ल है मुस्तनद हदीस व तारीख की किताबों में कहीं नहीं जो साहब बयान करें उन से मालूम करना चाहिए कि उन्होंने यह वाक़िया कहां देखा और यह हदीस की हुजूर ﷺ ने फरमाया 


سین بلال عند ﷲ شین


बिलाल की सीन अल्लाह के नज़दीक शीन इस हदीस को


 हजरत मौलाना अली क़ारी मक्की रहमतुल्लाह अलैह ने गढ़ी हुई फरमाया


📚 (मौज़ूआते कबीर सफा ४३)

📚 (फतावा बहरूल उलूम जिल्द ५ सफा ३८०)



    वल्लहो आलमो बिस्सवाब


✍🏼 अज़ क़लम 🌹 अबू शैबान हाफिज़ मोहम्मद सिराज हन्फी क़ादरी साहब किबला (जबलपुर)




✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट 🌹 मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)


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