औरतों को आर्टिफिशियल ज्वेलरी पहनना कैसा
✿➺ सुवाल
अगर औरतें सोने चाँदी के सिवा आर्टिफिशियल - जेवएलरी या कुछ और पहनती है क्या उस पे नमाज़ नही होती है ?
❀➺ जवाब
शद्रउस्शरीया मुफ़्ती अमजद अली आज़मी फरमाते हैं, (सोने चाँदी के अलावा) दूसरे धात की अंगूठी पहनना हराम है मसलन, लोहा पीतल, तांबा जस्ता वग़ैरह, इन धातो की अंगूठिया मर्द वा औरत दोनो के लिए नाजाइज़ है
📚 बहारे शरीअत, जि.3, स.426, फतावा बरेली शरीफ मे है
लोहा वा तांबा पीतल वा गिल्ट की अंगूठी मर्द औरत दोनो के लिए और सोने की मर्दो के लिए नाजाइज़ वा हराम वाज़ फुकुहा ने मकरूह लिखा है लेकिन सही यही है की हराम है इन्हे पहनकर नमाज़ मकरूह है तहरीमी वाजिब उल ईयादा होगी
📚 फतावा फैजुर्रसूल जि.1, स.375 पर है
तांबा पीतल और लोहै के जेवरात पह्न कर पढ़ने से नमाज़ मकरूह है तहरीमी होगी
📚 दुर्रे मुख़्तार मे है
हर वो नमाज़ जो कराहते तहरीमी के साथ अदा की गई हो उसका लौटाना वाजिब होता है
खुलासा ए कलाम ये है की
सोना चाँदी के अलावा किसी और धात का ज़ेवर औरत को पहनना जाइज़ नही है, और अगर उसे पह्न कर नमाज़ पढ़ी जाएगी तो वो नमाज़ फिर से पढ़नी होगी
ह़वाला 📗 पर्दादारी, सफा नं.16,17
✒️मौलाना अब्दुल लतीफ नईमी रज़वी क़ादरी बड़ा रहुवा बायसी पूर्णियाँ बिहार
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